BOOK ONE. THE BOOK OF BEGINNINGS
Canto Two. The Issue
Awhile, withdrawn in secret fields of thought,
Her mind moved in a many-imaged past
That lived again and saw its end approach:
Dying, it lived imperishably in her;
Transient and vanishing from transient eyes,
Invisible, a fateful ghost of self,
It bore the future on its phantom breast.
कुछ समय तो रहस्य चिन्तन में खोया
सावित्री का मन अतीत के नाना द़ृश्यों में भटकता रहा
जो एक बार पुनर्जीवित हो अपने अन्त को समीप आते देख रहा था:
मर कर भी, यह भूत उसके अन्तर में अविनाशी विद्यमान था,
क्षणिक, यह नश्वर नयनों के सामने से लोप होकर भी,
अद़ृश्य, यह उसकी स्वयं की सत्ता का एक अभागा प्रेत था,
जो भावी को अपनी छायाभासी छाती पर ढो रहा था।
Along the fleeting event’s far-backward trail
Regressed the stream of the insistent hours,
And on the bank of the mysterious flood
Peopled with well-loved forms now seen no more
And the subtle images of things that were,
Her witness spirit stood reviewing Time.
इस उड़ते घटनाचक्र के पीछे दूर तक जाती पगडंडी के साथ-साथ
उसने इन जबर्दस्त घण्टों के बहाव को पीछे लौटा लिया,
और उस रहस्यमय समय-बाढ़ के किनारे पर खड़ी होकर
उसकी द्रष्टा आत्मा ने बीते काल का पुनरावलोकन किया,
यह तट अगोचर अति प्रियजनों की आकृतियों से भरपूर था
और जो कभी विद्यमान थीं ऐसी वस्तुओं के सूक्ष्म प्रतिबिम्बों से पूर्ण था।
All that she once had hoped and dreamed and been,
Flew past her eagle-winged through memory’s skies.
जिस समस्त की कभी उसने आशा की थी और सपनाया और घटित हुआ था,
उसके स्मृति-पटल पर वेगरुड़-सम तीव्र गति से उड़ान भरने लगे।
As in a many-hued flaming inner dawn,
Her life’s broad highways and its sweet bypaths
Lay mapped to her sun-clear recording view,
From the bright country of her childhood’s days
And the blue mountains of her soaring youth
And the paradise groves and peacock wings of Love
To joy clutched under the silent shadow of doom
In a last turn where heaven raced with hell.
जैसै एक विविध-रंगी ज्वलन्त अन्तर उषा में,
उसके जीवन के चौडे़ राजपथ और उनकी मधुर वीथियां
उसकीधूप-सम उजली निरीक्षिका द़ृष्टि के सन्मुख चित्रित हो उठे,
उसके बालपन दिवसों के उज्ज्वल प्रदेश से आरम्भ हो
और उसकी उडा़न भरती तरुणाई के वे नील-पर्वत थे
और पावन प्रेम की मयूरी पांखें और नन्दन-कानन
और सर्वनाश की मूक छाया के तले छीने गये हर्ष के क्षण
उस अन्तिम मोड़ तक चित्रित थे जहां से स्वर्ग और नरक की दौड़ आरम्भ होती थी।
Twelve passionate months led in a day of fate.
उत्कट अनुराग के बारह मास जो इस दिवस की नियति की ओर जा रहे थे।
An absolute supernatural darkness falls
On man sometimes when he draws near to God:
An hour comes when fail all Nature’s means;
Forced out from the protecting Ignorance
And flung back on his naked primal need,
He at length must cast from him his surface soul
And be the ungarbed entity within: [11]
That hour had fallen now on Savitri.
एक घना घोर अलौकिक अन्धकार आ गिरता है
कभी-कभी मानव पर, तब वह प्रभु के अति समीप खिंच आता है:
एक घडी़ आ पहुंचती है जब समस्त अपरा प्रकृति के साधन निष्फल हो जाते हैं;
वह इस अविद्या के संरक्षण से बाहर निकलने को बाध्य हो जाता है
और उसे अपनी नग्न आदिम आवश्यकता पर पीछे फेंक दिया जाता है,
अन्त में उसे अपनी ऊपरी अहं सत्ता को उतारना होता है
और अपनी आवरणहीन अन्तरात्मा बन जाना पड़ता है:
वही मुहूर्त अब सावित्री पर आन पडा़ था।
A point she had reached where life must be in vain
Or, in her unborn element awake,
Her will must cancel her body’s destiny.
वह एक ऐसे बिन्दु पर आ पहुंची थी जहां जीवन अर्थहीन था
या, उसे अपने अजात अमर आत्म-तत्त्व में जगना था,
अपने संकल्प बल से अपनी देह का भाग्य बदलना था।
For only the unborn spirit’s timeless power
Can lift the yoke imposed by birth in time.
क्योंकि अजन्मा आत्मा की कालातीत परमाशक्ति ही
इस काल में जन्मे प्राणी पर पडे़ जुए को उतार सकती है।
Only the Self that builds this figure of self
Can rase the fixed interminable line
That joins these changing names, these numberless lives,
These new oblivious personalities
And keeps still lurking in our conscious acts
The trail of old forgotten thoughts and deeds,
Disown the legacy of our buried selves,
The burdensome heirship to our vanished forms
Accepted blindly by the body and soul.
केवल वही परम-तत्त्व जो इस जीव के आकार का रचनाकार है
इस अटल अनन्त रेखा को मिटा सकता है
वह इन बदलते नामों को और इन अनगिनत जीवनोंको जोड़ता है,
और ये नये धूमिल व्यक्तित्व जो अन्तर में छिपे हैं
अभी तक हमारे जाग्रत् कर्मों में झलक जाते हैं
पुरातन विस्मृत संकल्पों तथा कर्मों के पदचिह्न अभी भी छोड़ जाते हैं,
वही परम सत्ता हमारे दबे हुए व्यक्तित्वों कीपैतृकता अस्वीकार कर सकती है,
हमारे लुप्त रूपों की इस बोझिल वसीयत को नकार सकती है
जिसे हमारी अन्तरात्मा और देह ने अन्धता से स्वीकार लिया है।
An episode in an unremembered tale,
Its beginning lost, its motive and plot concealed,
A once living story has prepared and made
Our present fate, child of past energies.
यह एक विस्मृत कथा की एक घटनामात्र है,
जिसका आदि खो गया है, इसका उद्देश्य और कथानक आवृत्त है,
कभी जीयी गयी कथा द्वारा तैयार और निर्मित
हमारी वर्तमान नियति, भूतकालीन ऊर्जाओं का बालक है।
The fixity of the cosmic sequences
Fastened with hidden inevitable links
She must disrupt, dislodge by her soul’s force
Her past, a block on the immortal’s road,
Make a rased ground and shape anew her fate.
ब्रह्माण्डीय अनुक्रमों की यह आबद्ध श्रृंखला है
जिसे गोपित अनिवार्य कड़ियों से बांधा गया है,
सावित्री को उसे भंग करना होगा अपने आत्मबल से बहिष्कृत करना होगा,
उसका भूतकाल, अमरत्व का मार्ग रोकती एक चट्टान है,
उसे भंग कर समतल बना अपने भाग्य को नवरूप में गढ़ना है।
A colloquy of the original Gods
Meeting upon the borders of the unknown,
Her soul’s debate with embodied Nothingness
Must be wrestled out on a dangerous dim background:
Her being must confront its formless Cause,
Against the universe weigh its single self.
आदि-सनातन देवताओं की एक मिलन गोष्ठी में,
अज्ञेय के अगोचर लोक की सीमाओं पर इस मुठभेड़ में
उसकी अन्तरात्मा का विवाद देहधारी असत्- शून्य से होगा,
एक खतरनाक धूमिल पृष्ठभूमि पर इसे लड़ा जायेगा:
उसकी सत्ता को अपने निराकारी मूल कारण का सामना करना होगा,
सकल विश्व-विधान के विरुद्ध अपनी एकाकी सत्ता को तोलना होगा।
On the bare peak where Self is alone with Nought
And life has no sense and love no place to stand,
She must plead her case upon extinction’s verge,
In the world’s death-cave uphold life’s helpless claim
And vindicate her right to be and love.
उस नग्न शिखर पर जहां परम-तत्त्व निर्वाण रूप में अकेला है
वहां जीवन अर्थहीन है और प्रेम को खड़े होने को स्थान नहीं है,
उस विलय के तट पर सावित्री को अपना मुकदमा लड़ना है,
इस संसार की मृत्यु-कन्दरा में जीवन के असहाय दावे की पुष्टि करनी है
और जीने और प्रेम करने का अपना अधिकार सिद्ध करना है।
Altered must be Nature’s harsh economy; [12]
Acquittance she must win from her past’s bond,
An old account of suffering exhaust,
Strike out from Time the soul’s long compound debt
And the heavy servitudes of the Karmic Gods,
The slow revenge of unforgiving Law
And the deep need of universal pain
And hard sacrifice and tragic consequence.
जड़-अपरा प्रकृति की इस कठोर अर्थ व्यवस्था को बदलना होगा;
उसे अपने अतीत के बन्ध-पत्र को जीतकर छुटकारा पाना होगा,
दुःखों का पुराना हिसाब निःशेष करना होगा,
जीव पर चढ़ते जाते लम्बे चक्रवृद्धि ब्याज को काल से
और कर्म के देवताओं की इस बोझिल दासता से मुक्त करना होगा,
अक्षमाशील दैवी विधान की इस मन्द प्रतिशोधी नियति को
और वैश्विक पीड़ा की इस गहन अनिवार्यता को
और कठोर बलिदान एवं इसके दुःखदायी परिणामों को मिटाना होगा।
Out of a timeless barrier she must break,
Penetrate with her thinking depths the Void’s monstrous hush,
Look into the lonely eyes of immortal Death
And with her nude spirit measure the Infinite’s night.
एक कालातीत सीमा से बाहर उसे तोड़ निकाल लाना होगा,
असत्-शून्यता के भीषण मौन को अपने चिन्तन की गहनताओं से भेदना होगा,
अमर-मृत्युदेव की एकाकी आंखों में झांक देखना है
और अपनी आवरणहीन आत्मा से अनन्त की रात्रि को मापना है।
The great and dolorous moment now was close.
वह महान् और घोर कष्टदायक क्षण अब अति समीप था।
A mailed battalion marching to its doom,
The last long days went by with heavy tramp,
Long but too soon to pass, too near the end.
अपने सर्वनाश की ओर प्रयाण करती एक सुसज्जित सेना समान
वे अन्तिम और दीर्घ दिवस भी बोझिल कदमों से गुजर रहे थे,
ये दीर्घ थे किन्तु अति शीघ्रता से निकल अन्त को समीप लाते गये।
Alone amid the many faces loved,
Aware among unknowing happy hearts,
Her armoured spirit kept watch upon the hours
Listening for a foreseen tremendous step
In the closed beauty of the inhuman wilds.
अनेक प्रियजनों के मध्य वह एकाकी थी
उन अबोध सुखी हृदयों के बीच वही सचेत थी,
उसकी कवच-धारिणी आत्मसत्ता घड़ियों पर द़ृष्टि गड़ाये थी
इन पाशविक वनों की अमानवीय सुषमा के मध्य
वह एक पूर्वज्ञात भीषण पदचाप की आहट पर कान लगाये थी।
A combatant in silent dreadful lists,
The world unknowing, for the world she stood:
No helper had she save the Strength within;
There was no witness of terrestrial eyes;
The Gods above and Nature sole below
Were the spectators of that mighty strife.
नीरव भयानक अखाडे़ के मध्य वह एक प्रतिद्वंद्वी समान थी,
जिस संसार के हित में वह खड़ी थी, उस संसार को इसका कोई ज्ञान नहीं था
अन्तर की आत्मशक्ति को छोड़कर उसका अन्य कोई सहायक नहीं था;
पार्थिव नेत्रों वाला वहां कोई साक्षी दर्शक नहीं था;
ऊर्ध्व में देवता और अधर में एकाकी प्रकृति देवी ही
उस प्रचण्ड घोर संघर्ष के द्रष्टा थे।
Around her were the austere sky-pointing hills,
And the green murmurous broad deep-thoughted woods
Muttered incessantly their muffled spell.
उसके चहुं ओर गगन-स्पर्शी तपस्विनी पहाड़ियां थीं,
और गहन चिंतन में लीन हरियाले सरसराते वन थे
जो अपनी मन्दध्वनि में वशीकरणी मन्त्र लगातार फुसफुसा रहे थे।
A dense magnificent coloured self-wrapped life
Draped in the leaves’ vivid emerald monotone
And set with chequered sunbeams and blithe flowers
Immured her destiny’s secluded scene.
एक घना भव्य रंगीन स्वयं में समाया वनस्पति जीवन
जो पल्लवों कीविविध आभाओं की एकरंगता से सज्जित
और सूर्य-किरणों की चतुरंगता औ’ प्रफुल्ल पुष्पों से जड़ित
उसकी नियति के ऐकान्तिक द़ृश्य से विलग था।
There had she grown to the stature of her spirit:
The genius of titanic silences
Steeping her soul in its wide loneliness [13]
Had shown to her her self’s bare reality
And mated her with her environment.
वहीं पर वह अपनी आत्मा के उच्चतम शिखर तक उठी थी:
वहां की भीमाकारी नीरवताओं की संरक्षिका दैवी शक्ति ने
उसके अन्तर जीव पुरुष को निज ऐकान्तिकता के विस्तार में निमज्जित कर
उसे उसके आत्म-तत्त्व की नग्न यथार्थता दिखा
उसे अपने पर्यावरण के साथ गठबन्धित कर दिया।
Its solitude greatened her human hours
With a background of the eternal and unique.
इसकी ऐकान्तिकता ने उसकी मानवीय घड़ियों को
अनन्त और अद्वितीय की एक पृष्ठभूमि से जोड़ महत्तर बना दिया।
A force of spare direct necessity
Reduced the heavy framework of man’s days
And his overburdening mass of outward needs
To a first thin strip of simple animal wants,
And the mighty wideness of the primitive earth
And the brooding multitude of patient trees
And the musing sapphire leisure of the sky
And the solemn weight of the slowly passing months
Had left in her deep room for thought and God.
अल्प और सहज सीधी आवश्यकता से बंधी ऊर्जा ने
उसके मानव-दिवसों के कार्यभार को हल्का कर दिया था
और उसकी बाहरी आवश्यकताओं के अति बोझिलढेर को
साधारण शारीरिक अभावपूर्ति की एक आदि सीमित रेखा तक सिमटा दिया,
इस आदिम धरा की सामर्थ्यशाली विस्तृत वनीय निर्जनता ने
और सन्तोषी तरुवरों के चिन्तनशील कुंज समूहों ने
और इस व्योमाकाश की ध्यानमग्न नील रिक्तता ने
और मन्दगति से बीतते महीनों की शान्त गरिमा ने
उसकी अन्तरात्मा में चिन्तन और प्रभु हेतु एक गम्भीर कक्ष बना दिया।
There was her drama’s radiant prologue lived.
यहीं पर उसके नाटक के कान्तिमय सूत्रधार का वास था।
A spot for the eternal’s tread on earth
Set in the cloistral yearning of the woods
And watched by the aspiration of the peaks
Appeared through an aureate opening in Time
Where stillness listening felt the unspoken word
And the hours forgot to pass towards grief and change.
Here with the suddenness divine advents have,
Repeating the marvel of the first descent,
Changing to rapture the dull earthly round,
Love came to her hiding the shadow, Death.
शाश्वत के विचरण हेतु इस पृथ्वी पर यह एक स्थान था
जिसे इन वनों की सामूहिक ललक द्वारा निश्चित किया गया था,
और गिरि शिखरों की अभीप्सा जिसकी निरीक्षिकाथी
युगान्तरों के मध्य यह एक शुभ उद़्घाटन में प्रगटा होगा,
जहां पर स्थिर नीरवता उस अकथ शब्द को अन्तर में सुन अनुभव करती
और घड़ियां दुःख और परिवर्तन की ओर बढ़ना भूल जातीं,
यहीं पर हटात् दिव्य आगमनों के मिलन द्वारा,
दैवी प्रथम अवतरण के चमत्कार को दोहराया जाता रहा है
जिससे यह नीरस पार्थिव जीवन-क्रम आनन्दातिरेक में बदल जाता है,
मृत्यु की छाया निज में छिपाये प्रेम सावित्री से यहीं भेंटा था।
Well might he find in her his perfect shrine.
इस आशा में कि सम्भवत: उसके अन्तर में वह अपनी परिपूर्ण स्थली पा जायेगा।
Since first the earth-being’s heavenward growth began,
Through all the long ordeal of the race,
Never a rarer creature bore his shaft,
That burning test of the godhead in our parts,
A lightning from the heights on our abyss.
जब से सर्वप्रथम इस पार्थिव-सत्ता का विकास स्वर्गोन्मुखी हुआ,
इस दौड़ की सबसे कठोर दीर्घ अग्निपरीक्षा के मध्य,
प्रेम के तीक्ष बाण सहन करता अन्य कोई विरला प्राणी नहीं हुआ है
उस प्रेम देवता की ज्वलनशील परीक्षा जो हमारे अंग सहते हैं,
ऊपर से आती एक विद्युती अग्नि हमारी जड़-खाड़ी पर गिरती है।
All in her pointed to a nobler kind.
यह सब उसके अन्तर की एक श्रेष्ठता को दर्शाती।
Near to earth’s wideness, intimate with heaven,
Exalted and swift her young large-visioned spirit
Voyaging through worlds of splendour and of calm
Overflew the ways of Thought to unborn things.
वह पृथ्वी सम विशाल और स्वर्ग के साथ अभिन्न थी,
उसकी युवा उदार-द़ृष्टिमय आत्मा उन्नत और वेगवती थी
जो श्री और शान्ति के लोकों के मध्य यात्रा करती
उच्चमन के चिन्तन के मार्गों से परे अजात पदार्थों तक पहुंच जाती।
Ardent was her self-poised unstumbling will; [14]
Her mind, a sea of white sincerity,
Passionate in flow, had not one turbid wave.
सावित्री की आत्म-निष्ठा गम्भीर और संकल्पशक्ति द़ृढ़ थी;
उसका मानस, शुभ्र-सत्य का एक सागर,
बहाव आवेशपूर्ण था, किन्तु एक भी लहर कलुषित नहीं थी।
As in a mystic and dynamic dance
A priestess of immaculate ecstasies
Inspired and ruled from Truth’s revealing vault
Moves in some prophet cavern of the gods,
A heart of silence in the hands of joy
Inhabited with rich creative beats
A body like a parable of dawn
That seemed a niche for veiled divinity
Or golden temple door to things beyond.
मानों एक गुह्य और उत्साही नृत्य में
विशुद्ध आत्माह्लादों की एक पुजारिन
ऋत के आत्म-उद़्घाटित अन्तर से प्रेरित और शासित होकर
देवों की किसी भविष्यदर्शी कंदरा में थिरकती हो,
हर्षोल्लास के हाथों में एक नीरवता का हृदय थी
जिसमें सर्जन की प्रचुर धड़कनें बसी थीं,
उषा की उपमा सम उसकी देहयष्टि
जो उसकी अवगुण्ठित दिव्यता हेतु एक कक्ष सम लगती
या परात्पर की वस्तुएं दर्शाती एक मन्दिर का स्वर्णद्वार थी।
Immortal rhythms swayed in her time-born steps;
Her look, her smile awoke celestial sense
Even in earth-stuff, and their intense delight
Poured a supernal beauty on men’s lives.
काल में जन्में उसके पैरों में अमर तानें थिरकतीं:
उसकी चितवन, उसकी मुस्कान दिव्य बोध को जगा देती
पार्थिव-पदार्थ तक में, और उनकी उत्कट प्रसन्नता
मानव के जीवनों पर एक दिव्य-सौन्दर्य उड़ेल देती।
A wide self-giving was her native act;
A magnanimity as of sea or sky
Enveloped with its greatness all that came
And gave a sense as of a greatened world:
Her kindly care was a sweet temperate sun,
Her high passion a blue heaven’s equipoise.
एक विशाल आत्म-दान उसका स्वाभाविक सहज कर्म था:
सागर या आकाश के सम एक उदार-हृदया
अपने समीप आते सकल को अपनी महानता में लपेट लेती
और एक महत्तर जगत् की जैसी सबको अनुभूति देती:
उसकी सदय सुरक्षा एक मृदु सुहाती धूप थी।
उसका उन्नत भावावेश एक नील-गगन की समभाव शान्ति थी।
As might a soul fly like a hunted bird,
Escaping with tired wings from a world of storms,
And a quiet reach like a remembered breast,
In a haven of safety and splendid soft repose
One could drink life back in streams of honey-fire,
Recover the lost habit of happiness,
Feel her bright nature’s glorious ambiance,
And preen joy in her warmth and colour’s rule.
जब एक सताये पक्षी सम एक जीव व्यथित उड़ता फिरे,
थकित पंखों से संसारी तूफानों से बचने का प्रयास करे,
तब उसके स्मृति-पटल पर सावित्री का वक्ष एक शान्त आश्रय सम उभरता,
एक सुरक्षित नीड़ सम एक भव्य कोमल विश्राम का
जहां वह पुनः मधु-ज्वाल धाराओं में जीवन पान कर सकता था,
प्रसन्नता का विस्मृत स्वभाव फिर से प्राप्त कर
सावित्री के उज्ज्वल स्वभाव के महिमाशाली परिवेश को अनुभव कर सकता था,
और उसकी स्नेही उष्णता और रंगीन राज्य में सुख को संवार सकता था।
A deep of compassion, a hushed sanctuary,
Her inward help unbarred a gate in heaven;
Love in her was wider than the universe,
The whole world could take refuge in her single heart.
एक करुणा का सागर, एक प्रशान्त तपोवन,
उसकी अन्तर सहायता स्वर्ग में एक द्वार खोल देतीः
उसमें प्रेम इस विश्व से भी विशालतर था,
सकल संसार उसके अकेले हृदय में शरणले सकता था।
The great unsatisfied godhead here could dwell:
Vacant of the dwarf self’s imprisoned air
Her mood could harbour his sublimer breath [15]
Spiritual that can make all things divine.
वह अतृप्त प्रेमदेवता यहां इस अन्तर में बस सकता था:
लघु-प्राण के बन्दी संकुचित वातावरण से शून्य,
उसकी भावना प्रेम का उदात्त दिव्य श्वास धारण कर सकती थी
इसका आत्मिक श्वाससकल वस्तुओं को दिव्य बना सकता था।
For even her gulfs were secrecies of light.
क्योंकि सावित्री के अधोगर्त भी प्रकाश के गुप्त भण्डार थे।
At once she was the stillness and the word,
A continent of self-diffusing peace,
An ocean of untrembling virgin fire
The strength, the silence of the gods were hers.
वह एक संग ही मौन और वाणी दोनों थी,
आत्म-प्रसारित शान्ति का एक महाद्वीप थी,
अकम्पित अक्षत-अग्नि का एक सिन्धु थी;
देवों की शक्ति एवं नीरवता उसकी अपनी थी।
In her he found a vastness like his own,
His high warm subtle ether he refound
And moved in her as in his natural home.
उसके अन्तर में प्रेमदेव ने अपने समान एक विस्तृतता पायी थी,
उसमें अपना उत्कृष्ट स्नेहपूर्ण सूक्ष्म विद्युतीआकाश उसे फिर मिल गया था
और उसके अन्तर में वह अपने नैसर्गिक घर सम बस गया था।
In her he met his own eternity.
सावित्री के अन्तर में उसे अपनी शाश्वतता आ भेंटी।
Till then no mournful line had barred this ray.
अब तक शोक-सन्ताप की एक भी रेखा इस किरण की बाधा नहीं बनी थी।
On the frail breast of this precarious earth,
Since her orbed sight in its breath-fastened house,
Opening in sympathy with happier stars
Where life is not exposed to sorrowful change,
Remembered beauty death-claimed lids ignore
And wondered at this world of fragile forms
Carried on canvas-strips of shimmering Time,
The impunity of unborn Mights was hers.
इस अस्थिर धरती की दुर्बल छाती पर,
इसको श्वासबद्ध काया में उसकी द़ृष्टि की इन्द्रधनुषी सीमा,
प्रमुदित तारों के साथ सहयोगिता में उद़्घाटित थी
उसका जीवन त्रासदायी परिवर्तन के प्रभाव में नहीं आया था,
मृत्यु-अभिशप्त नयनों को केवल सौन्दर्य की ही स्मृति थी
और वह इस जगत की भंगुरता पर आश्चर्य एवं अवहेलना करती
इन आकृतियों की, जो टिमटिमाते काल की धज्जियों पर गतिशील थीं,
उसमें तो अजात-दिव्यशक्तियों की निरापद-भावना थी।
Although she leaned to bear the human load,
Her walk kept still the measure of the gods.
यद्यपि वह मानवता का बोझ वहन करने नीचे झुक आयी थी,
पर उसकी चाल में अभी भी देवताओं की छन्दमय तालबद्धता थी।
Earth’s breath had failed to stain that brilliant glass:
Unsmeared with the dust of our mortal atmosphere
It still reflected heaven’s spiritual joy.
धरती का श्वास उस उज्ज्वल दर्पण को मलिन नहीं कर पाया था:
हमारे पार्थिव परिवेश की धूलि से यह धुंधलाया नहीं था
इसमें अभी भी स्वर्ग का आध्यात्मिक हर्ष प्रतिबिम्बित होता।
Almost they saw who lived within her light
Her playmate in the sempiternal spheres
Descended from its unattainable realms
In her attracting advent’s luminous wake,
The white-fire dragon bird of endless bliss
Drifting with burning wings above her days:
Heaven’s tranquil shield guarded the missioned child.
प्रायः सावित्री के अन्तर प्रकाश में रहता
उसकी लीला का सखा दिखायी दे जाता था,
पितर लोकों से अपने अगम्य ऊर्ध्व स्तरों से यह यहां उतर आया था
सावित्री के अवतरण के साथ, उसके ज्योतिपूर्ण जागरण से आकर्षित था,
यह शुभ्र-तेजोमय गरुड़-पक्षी अनन्त-आनन्द का
जो उसके दिवसों पर प्रज्वलित पंखों को फैला मण्डराता रहता:
स्वर्ग का शान्ति-कवच बना इस देव-प्रेषिता बालिका की रक्षा करता।
A glowing orbit was her early term,
Years like gold raiment of the gods that pass;
Her youth sat throned in calm felicity.
उसके आरम्भ का बालकाल एक तेजोमय कक्ष था,
समीप से गुजरते देवताओं के स्वर्ण वस्त्रों सम चमकते वे वर्ष बीत गये;
उसकीतरुणाई भी शान्त सुखों के सिंहासन पर आसीन थी।
But joy cannot endure until the end: [16]
There is a darkness in terrestrial things
That will not suffer long too glad a note.
किन्तु प्रसन्नता अन्त तक स्थिर न रह सकी:
पार्थिव-पदार्थों में एक कालिमा बसती है
जो हर्षोल्लास का स्वर अधिक देर सह नहीं पाती।
On her too closed the inescapable Hand:
The armed Immortal bore the snare of Time.
अब उसके ऊपर भी यह अनिवारी कालपंजा कसने लगा:
उस कवचित अमर-सत्ता को भी काल का पाश सहना पड़ा।
One dealt with her who meets the burdened great.
इस संसारी बोझ वहन करते महात्मा को जो भोगना पड़ता है उसे भी सहना पड़ा।
Assigner of the ordeal and the path
Who chooses in this holocaust of the soul
Death, fall and sorrow as the spirit’s goads,
The dubious godhead with his torch of pain
Lit up the chasm of the unfinished world
And called her to fill with her vast self the abyss.
विधाता इस अग्नि-परीक्षा और हमारे भाग्य-पथ का निर्धारक है
उसी ने इस जीव की इस पूर्णाहुति में उसके लिए
मृत्यु, पतन औ’ यन्त्रणा को चुना है जो अन्तरात्मा को जगाने के अंकुश हैं,
उस धूमिल देवता ने अपनी दर्द की मशाल से
इस अधबने संसार के गर्त को प्रकाशित कर दिया
और फिर उसे पुकारा अपनी विशाल आत्म-सत्ता से इसे भर देने को।
August and pitiless in his calm outlook,
Heightening the Eternal’s dreadful strategy,
He measured the difficulty with the might
And dug more deep the gulf that all must cross.
यह देव अति प्रतापी और निर्दयी अपने में उदासीन शान्त है
विधाता कीघोर रणनीति को और दुरूह बना वर्धित कर देता है,
उस धूमिल देवता ने उसके दुःख को अपनी सामर्थ्य से मापा
उस गर्तको जिसे सबको पार करना पड़ता है और गहरा खोद दिया।
Assailing her divinest elements,
He made her heart kin to the striving human heart
And forced her strength to its appointed road.
सावित्री के दिव्यतम तत्त्वों पर आक्रमण कर,
वह उसके हृदय को भी मानव के संघर्षरत हृदय के समीप ले आया
और उसकी शक्ति को अपने निर्धारित पथ पर चलने को बाध्य कर दिया।
For this she had accepted mortal breath;
To wrestle with the Shadow she had come
And must confront the riddle of man’s birth
And life’s brief struggle in dumb Matter’s night.
क्योंकि इसी कार्यपूर्ति के लिए सावित्री ने इस मर्त्य जीवन को अंगीकारा था;
इस घोर मृत्यु-छायासे जूझने वह आयी थी
और मानव जन्म की यह समस्या उसे सुलझानी थी
जो मूक जड़तत्त्व की अन्ध रात्रि में जीवन के संक्षिप्त संघर्ष की है।
Whether to bear with Ignorance and Death
Or hew the ways of Immortality,
To win or lose the godlike game for man,
Was her soul’s issue thrown with Destiny’s dice.
किंवा इस घोर अज्ञान और मृत्यु को वह सहन करती रहे
अथवा दिव्य अमरत्व के पथों का निर्माण करे,
इस देवतुल्य खेल की बाजी मानव के लिए वह जीते या हार जाये,
उसकी यहीआत्म-समस्या थी जिसके लिए विधाता का पासा फेंका जा चुका था।
But not to submit and suffer was she born;
To lead, to deliver was her glorious part.
पर वह तो हार मानने और कष्ट भोगने नहीं जन्मी थी;
नेतृत्व कर, उद्धार करना यही उसकी यशस्वी भूमिका थी।
Here was no fabric of terrestrial make
Fit for a day’s use by busy careless Powers.
यह तो कोई पार्थिवता से निर्मित भंगुर रचना नहीं थी
व्यस्त उदासीन निश्चिन्त महाशक्तियों के क्षणिक उपभोग हित नहीं थी।
An image fluttering on the screen of fate
Half-animated for a passing show,
Or a castaway on the ocean of Desire
Flung to the eddies in a ruthless sport
And tossed along the gulfs of Circumstance,
A creature born to bend beneath the yoke, [17]
A chattel and a plaything of Time’s lords,
Or one more pawn who comes destined to be pushed
One slow move forward on a measureless board
In the chess-play of the earth-soul with Doom,—
Such is the human figure drawn by Time.
जो भाग्य विधाता के पर्दे पर झलमलाती एक छवि मात्र हो
जिसे एक क्षणिक प्रदर्शनी के लिए सजीव कर दिया हो,
या विश्व-कामना के सागर पर डूबती उतराती एक परित्यक्ता हो
जिसे एक निर्मम खेल में भंवर में फेंक दिया हो
और विश्व परिस्थितियों की खाड़ियों में उछाल दिया हो,
मानों भाग्य-जूए के भार के नीचे झुकने को ही यह प्राणी जन्मा हो,
त्रिकालीय-प्रभुओं का एक खिलौना और जागीर हो,
या एक और प्यादा जो धक्के खाने की नियति ले आया है
एक अनन्त शतरंजी बिसात पर धीमी चाल से मात्र एक पग बढ़ता है
पृथ्वी की आत्मा और सर्वनाशी-प्रलय के साथ खेली जाती इस चाल में,-
कालदेवता द्वारा रचा गया यही मानव का आकार है।
A conscious frame was here, a self-born Force.
अब एक सचेत आकार इस धरा पर, एक स्वयंभू आत्मबल यहां विद्यमान था।
In this enigma of the dusk of God,
This slow and strange uneasy compromise
Of limiting Nature with a limitless Soul,
Where all must move between an ordered Chance
And an uncaring blind Necessity,
Too high the fire spiritual dare not blaze.
प्रभु की धूमिलता की इस समस्या में,
इस एक मन्द और विचित्र अशान्त से समझौते में
जो सीमित अपरा प्रकृति और अनन्त परमात्मा के मध्य है,
जहां पर सकल सृष्टि एक व्यवस्थित दैवयोग के अन्तर चालित है
और एक अन्धी विश्व-आवश्यकता द्वारा गतिशील है,
जहां पर आध्यात्मिक ज्वाला अधिक ऊंचाई तक उन्नत होने का साहस नहीं कर पाती है।
If once it met the intense original Flame,
An answering touch might shatter all measures made
And earth sink down with the weight of the Infinite.
यदि एक बार इसे आदि दिव्य ज्वाला की तीव्रता मिल पाती,
तो अपने प्रत्युत्तरी स्पर्श द्वारा सब निर्मित मापों को भंग कर देती
और यह धरती चिरन्तन के बोझ से डूब जाती।
A gaol is this immense material world.
Across each road stands armed a stone-eyed law,
At every gate the huge dim sentinels pace.
यह विशाल जड़-जगत् एक बन्दीगृह हैः
जिसके प्रत्येक पथ पर एक शस्त्रित पाषाणी नेत्र नियम पहरा देता है
प्रत्येक द्वार पर भीमकाय धूमिल प्रहरी घूमता है।
A grey tribunal of the Ignorance,
An Inquisition of the priests of Night
In judgment sit on the adventurer soul,
And the dual tables and the Karmic norm
Restrain the Titan in us and the God:
Pain with its lash, joy with its silver bribe
Guard the Wheel’s circling immobility,
A bond is put on the high climbing mind,
A seal on the too large wide-open heart;
Death stays the journeying discoverer, Life.
घोर अविद्या की एक काली-सी कचहरी में,
अज्ञ-रात्रि के पण्डों का एक जांच-मण्डल बैठा है,
अन्तरात्मा की इस साहसी यात्रा पर निर्णय लेने,
और यह द्वंद्वों के पहाड़े और घोर कार्मिक विधान हमारे अन्तर के
शैतान और भगवान् दोनों को नियन्त्रित रखते हैं:
पीड़ा के कोड़ेसे, हर्ष की रुपहली रिश्वत से
इस दैवी कर्मचक्र को अडिगता से अपनी धुरी में सुरक्षित रखते हैं,
उच्चारोही मन पर एक अंकुश बांध देते हैं,
अधिक उदार स्पष्ट हृदय पर एक मुहरबन्द ताला लगा देते हैं;
प्राण-शक्ति की अनुसन्धानी जीवन यात्रा को मृत्यु रोक देती है।
Thus is the throne of the Inconscient safe
While the tardy coilings of the aeons pass
And the Animal browses in the sacred fence
And the gold Hawk can cross the skies no more.
इस प्रकार जड़-तत्त्व की अचित्-साम्राज्य की गद्दी सुरक्षित रहती है
और युगों की शिथिल-गति के कुण्डल धीमे-धीमे खुलते रहते हैं
और धार्मिकता की बाड़ से घिरा नरपशु चरता रहता है
स्वर्ण-गरुड़ अब व्योमाकाश को पार करने का साहस नहीं करता है।
But one stood up and lit the limitless flame.
किन्तु अब एक आत्मा तेजस्वी असीम ज्वाला सम खड़ी थी।
Arraigned by the dark Power that hates all bliss
In the dire court where life must pay for joy,
Sentenced by the mechanic justicer [18]
To the afflicting penalty of man’s hopes,
Her head she bowed not to the stark decree
Baring her helpless heart to destiny’s stroke.
सकल आनन्द कीद्वेषी अन्ध महाशक्ति की अभियोगी बनी
उस निर्मम कचहरी में जहां जीवन को हर्ष का मूल्य चुकाना होता है,
यान्त्रिक निर्णायक द्वारा वह दण्डित बनी थी
मानव की आशाओं पर आघात कर आक्रान्त करने की सजा उसे दी गयी,
किन्तु इस कठोर निर्णय पर उसने शीश नहीं झुकाया
अपने असहाय हृदय को विधि के आघात हित नहीं उघाड़ा।
So bows and must the mind-born will in man
Obedient to the statutes fixed of old,
Admitting without appeal the nether gods.
जैसे कि मानव के मनो-जात संकल्प को झुकना पड़ता है
और पुरातन अटल अध्यादेशों का पालन करना पड़ता है,
इन अधोलोक के देवों को बिना विवाद के स्वीकारना पड़ता है।
In her the superhuman cast its seed.
पर उसके अन्तर में महामानव ने अपना बीज रोप दिया था।
Inapt to fold its mighty wings of dream
Her spirit refused to hug the common soil,
Or, finding all life’s golden meanings robbed,
Compound with earth, struck from the starry list,
Or quench with black despair the God-given light.
Accustomed to the eternal and the true,
Her being conscious of its divine founts
Asked not from mortal frailty pain’s relief,
Patched not with failure bargain or compromise.
वह तो अपने स्वप्न के शक्तिशाली पंखों को समेटना नहीं जानती थी
उसकी आत्मा ने इस सामान्य माटी को गले लगाना नहीं स्वीकारा,
या, यह जानकर भी कि सकल जीवन की सुनहरी सार्थकता लुट चुकी है,
क्योंकि वह धरती में घुलमिल चुकी थी, और तारों की तालिका से बहिष्कृत थी
पर फिर भी उसने प्रभु-प्रदत्त ज्योति का काली निराशा द्वारा बुझना नहीं स्वीकारा
वह तो सत्य और नित्य की अभ्यस्त थी,
उसकी सत्ता अपने आदि दिव्य स्रोतों के प्रति सचेत थी
उसने नश्वर दुर्बल व्यथा से विमोचन की मांग नहीं की,
क्षय का सौदा नहीं किया या समझौते का पैबन्द नहीं लगाया।
A work she had to do, a word to speak;
Writing the unfinished story of her soul
In thoughts and actions graved in Nature’s book,
She accepted not to close the luminous page,
Cancel her commerce with eternity,
Or set a signature of weak assent
To the brute balance of the world’s exchange.
उसे एक कार्य सिद्ध करना था, एक शब्द उच्चारना था;
अपने चैत्य पुरुष की अधूरी गाथा को पूरा लिख कर
प्रकृति देवी की पुस्तक में विचारों और कर्मों में उत्कीर्ण करना था,
उस दीप्तिमय पृष्ठ को बन्द करना उसने नहीं स्वीकारा,
शाश्वतता के साथ अपना आदान-प्रदान रद्द नहीं किया,
अथवा एक क्षीण स्वीकृति पर अपना हस्ताक्षर लगा
विश्व-विनिमय कीतुला को पशुता के पक्ष में नहीं झुकाया।
A force in her that toiled since earth was made,
Accomplishing in life the great world-plan,
Pursuing after death immortal aims,
Repugned to admit frustration’s barren role,
Forfeit the meaning of her birth in Time,
Obey the government of the casual fact
Or yield her high destiny up to passing Chance.
एक शक्ति उसमें तब से श्रमरत थी जब से इस पृथ्वी की सृष्टि हुई थी,
यह विश्व की महती योजना को जीवन में संसिद्ध करती,
मृत्यूपरान्त के अमर लक्ष्यों का पीछा करती,
उसने कुण्ठा की बंजर भूमिका में निज प्रवेश को परे धकेल दिया,
त्रिकालीय परिवेश में अपने जन्म की सार्थकता को त्यागने का विरोध किया,
आकस्मिक यथार्थ का सरकारी विधान मानने का
या अपनी उन्नत नियति को गुजरते दैवयोग को सौंपना नकार दिया।
In her own self she found her high recourse;
She matched with the iron law her sovereign right:
Her single will opposed the cosmic rule.
उसने निज आत्म-सत्ता में अपना उत्तम मार्ग खोज लिया था:
अपनी प्रभुसत्ता के एकछत्र अधिकार को लौह विधान की तुलना में खड़ा कर दिया
उसका अकेला व्रती संकल्प इस विश्व-विधान के विरोध में सामने था।
To stay the wheels of Doom this greatness rose.
सर्व-प्रलयंकारी यम के चक्कों को थामने यह परमा आज खड़ी थी।
At the Unseen’s knock upon the hidden gates
Her strength made greater by the lightning’s touch [19]
Awoke from slumber in her heart’s recess.
उस अद़ृश्य देव ने जब द्वारों पर दस्तक दी
तब विद्युती स्पर्श द्वारा उसकी शक्ति और महत्तर हो उठी
और जाग उठी जो उसके गुह्य अन्तस्तल में निद्रालीन थी।
It bore the stroke of That which kills and saves.
इसी ने जीवन और मरण के स्वामी का आघात सहा।
Across the awful march no eye can see,
Barring its dreadful route no will can change,
She faced the engines of the universe;
A heart stood in the way of the driving wheels:
Its giant workings paused in front of a mind,
Its stark conventions met the flame of a soul.
उस प्रचण्ड यात्रा के उस तट पर जहां कोई द़ृष्टि नहीं पहुंच सकी है,
उसने विधाता के भीषण पथ को बदल दिया जिसे अबतक कोई संकल्प नहीं बदल सका है,
सावित्री ने इस सृष्टि कीयान्त्रिकता का सामना किया;
उनके गतिमान पहियों के मार्ग पर उसका हृदय खड़ा हो गया:
उनका भीषण घोर संचालन एक मन के आगे ठहर गया,
इनकी निर्मम नियमबद्धता एक आत्मशिखा सेभेंटी।
A magic leverage suddenly is caught
That moves the veiled Ineffable’s timeless will:
A prayer, a master act, a king idea
Can link man’s strength to a transcendent Force.
एक जादुई कुंजी हठात् हाथ आ जाती है
जो आच्छादित अनिर्वचनीय परम के अकाल व्रत को हिला देती है:
एक प्रार्थना, एक महान् कर्म, एक तेजस्वी विचार
मानव की शक्ति को एक परात्पर दिव्य चित्शक्ति से जोड़ देता है।
Then miracle is made the common rule,
One mighty deed can change the course of things;
A lonely thought becomes omnipotent.
तब चमत्कार जीवन का सामान्य नियम बन जाता है,
एक शक्तिशाली कार्य भवितव्यता की दिशा बदल सकता है;
एक अकेला विचार सर्वशक्तिशाली बन सकता है।
All now seems Nature’s massed machinery;
An endless servitude to material rule
And long determination’s rigid chain,
Her firm and changeless habits aping Law,
Her empire of unconscious deft device
Annul the claim of man’s free human will.
अभी तो यहां सब विश्व-प्रकृति की विशाल यान्त्रिकता हीलगता है;
जड़-भौतिकता के शासन का एक अनन्त दासत्व ही दिखता है
और पहले से निर्धारित नियमों की एक अनम्य श्रृंखला लगता है,
प्रकृति के द़ृढ़ और अपरिवर्तनीय स्वभाव का अनुकरण करने का दैवी-विधान है,
उसका अचेत पर निपुण यान्त्रिक साधनों का साम्राज्य है
जो मानव की स्वतन्त्र इच्छा-शक्ति के अधिकार को रद्द करता है।
He too is a machine amid machines;
A piston brain pumps out the shapes of thought,
A beating heart cuts out emotion’s modes;
An insentient energy fabricates a soul.
इन मशीनों के मध्य में वह भी तो एक यन्त्र है
इसका मस्तिष्क एक पिस्टन पम्प है जो विचारों के विभिन्न आकार फेंकता है,
एक धड़कता हृदय भावनाओं के नमूने काटता है;
एक संज्ञाहीन ऊर्जा जो एक आत्मा की कल्पना करती है।
Or the figure of the world reveals the signs
Of a tied Chance repeating her old steps
In circles around Matter’s binding-posts.
अथवा इस संसार का आकार गुह्य संकेतों से प्रकट कर देता है
एक नियमों से बंधे दैव-योग को, जो अपनी चालों को दुहराया करता है
और जड़तत्त्व के खूंटे से एक पशु समान बंधा चक्करों में घूमता है।
A random series of inept events
To which reason lends illusive sense, is here,
Or the empiric Life’s instinctive search,
Or a vast ignorant mind’s colossal work.
असंगत घटनाओं की एक उद्देश्यहीन अनुक्रमों की श्रृंखला यहां है,
जिसको बुद्धि-विवेक एक मायावी बोध प्रदान कर देता है,
या इस अनुभवी प्राणशक्ति का एक प्रेरणात्मक संधान समझता है,
या फिर एक विराट् अज्ञ मानस की एक भीमाकारी कृति मानता है।
But wisdom comes, and vision grows within;
Then Nature’s instrument crowns himself her king;
He feels his witnessing self and conscious power;
His soul steps back and sees the Light supreme. [20]
किन्तु प्रज्ञा जाग्रत् होती है और अन्तर्द़ृष्टि अन्तर में विकसित होती है;
तब विश्व प्रकृति का यह यन्त्र स्वयं को उसका अधिपति बना लेता है;
वह अपनी साक्षी आत्मसत्ता और चित्-शक्ति की अनुभूति पाता है;
उसकी जीवसत्ता पीछे हटकर उस परात्पर परमा ज्योति का दर्शन करती है।
A Godhead stands behind the brute machine.
इस पाशविक यन्त्र के पीछे एक भागवत-अंश अधिष्ठित है।
This truth broke in in a triumph of fire;
A victory was won for God in man,
The deity revealed its hidden face.
यह सत्य देवाग्नि के विजयकाल में प्रकट हुआ था;
मानव के अन्तर में परमेश्वर हित एक विजय घोष हुआ था,
उस दिव्यता ने तब अपना गोपित-आनन प्रकटा दिया था।
The great World-Mother now in her arose:
A living choice reversed fate’s cold dead turn,
Affirmed the spirit’s tread on Circumstance,
Pressed back the senseless dire revolving Wheel
And stopped the mute march of Necessity.
अब सावित्री के अन्तर में परमा-जगज्जननी उदित हो उठीः
एक संजीवित चुनाव ने भाग्य के ठंडे निष्ठुर मृत मोड़ को उलट दिया,
एवं घोर परिस्थिति में आत्म-चेतना की गति को स्वीकार लिया,
अचित् घूमते कालचक्र की क्रूर गति को पीछे धकेल दिया
और भौतिक जग की अनिवार्यता की मूक यात्रा को थाम दिया।
A flaming warrior from the eternal peaks
Empowered to force the door denied and closed
Smote from Death’s visage its dumb absolute
And burst the bounds of consciousness and Time. [21]
शाश्वत शिखरों से अवतरित एक तेजस्विनी योद्धा
जिसे निषिद्ध और बन्द द्वार को बलात् खोलने कीशक्ति प्राप्त हो गयी
इसने यम के मुख से उसकी मौन निरंकुश प्रभुता नोच ली
और चेतना एवं महाकाल के बंधनों की श्रृंखला तोड़ डाली।
END OF CANTO TWO